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क़ायदा मेरे शहर का


चंद लफ़्ज़ों और रिपोर्टों में कैसे बयां करूँ,
क़ायदा मेरे शहर का?
धान के हरे खेतों का, आम के बगीचों का,
मंदिर के भव्य स्तम्भ का, अधिकारियों के दंभ का;
ज़मीन के ऊँचे भाव का, राजनीतिक दबाव का,
साम्भर के तीखे स्वाद का, टालीवूड डायलाग्स का;
कभी आओ इस ओर, तब चखाएँगे तुम्हें ज़ायक़ा मेरे शहर का।


चंद लफ़्ज़ों और तस्वीरों में कैसे बया करूँ,
क़ायदा मेरे शहर का?
फूलों की चटक का, सूरज की चमक का,
वादियों की ठंडक का, पंछियों की चहक़ का;
ठंड में गरम चाय का, धुआँ बनती सांस का,
दोस्तों संग उपहास का, हर्ष और उल्लास का;
कभी आओ इस ओर, तब चखाएँगे तुम्हें ज़ायक़ा मेरे शहर का।


चंद लफ़्ज़ों और कहानियों में कैसे बया करूँ
क़ायदा मेरे शहर का?
करोड़ों सपनों का, लाखों नौकरियों का,
हज़ारों किताबों का, सैंकड़ों कोचिंगों का;
भागती मेट्रो का, भागते लोगों का,
मीडिया के नहलों का, नेताओं के दहलों का;
कभी आओ इसे ओर, तब चखाएँगे तुम्हें, ज़ायक़ा मेरे शहर का।


चंद लफ़्ज़ों और यादों में कैसे समेटूँ,
क़ायदा मेरे शहर का?
माँ की दाल-रोटी का, पापा की ख़ास बेटी का,
कपास की गठान का, अपने पहले मकान का,
कुंदा की लहरों का, नवग्रह के मेलों का,
गलियों के अपनेपन का, बरसों के पिछड़ेपन का।
कभी आओ इस ओर, तब चखाएँगे तुम्हें, ज़ायक़ा मेरे शहर का।

Comments

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  2. But aap to chale Gaye telagana Mp is great mam

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  4. Amazing words ma'am.
    I too started writing a blog .
    https://thethoughtopediaa.blogspot.com/

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  5. Beautiful line ma'am
    Directly hits on heart

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  6. हाँ मानते हैं कि नहीं बयाँ हो सकता
    चंद लफ़्ज़ो में कायदा तुम्हारे शहर का
    और हम बयाँ नहीं कर सकते चंद लफ़्ज़ो में
    तुम्हारी खूबसूरती के कहर का
    मिल जाता है ढुड़ने से शहद जैसा बहुत कुछ
    मगर मिलता नहीं बचने का कोई उपाय
    तुम्हारे दिये हुए ज़हर का

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  7. Truly inspiring mam! Please guide me regarding philosophy optional mam! I want to know the sources and how to Learn through them!

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