प्रतियोगी परीक्षाएँ: एक पहलू यह भी देखें... आज कल का मौसम परीक्षा परिणामों का मौसम है| हर दिन छात्रगण गहरी उत्सुक्ता से इंटरनेट पर अपना परीक्षा परिणाम ढूँढते हैं और उत्सुक हों भी क्यूँ ना? आख़िर इन रिजल्ट्स के साथ उनकी कितनी मेहनत, सपने और मन्नतें जो जुड़ी होती हैं|हर रोज़ अखबार में अव्वल पृष्ठ पर अव्वल आने वाले विद्यार्थियों के साक्षात्कार छपते हैं; सब ही अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता और गुरुजनों को देते हैं और "आय आय टी" या "पी एम टी" जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं को अपना लक्ष्य बतलाते है । निश्चित ही ये छात्र सराहना और सत्कार के अधिकारी हैं और इसीलिए वे उस दिन विशेष के लिए अपने क्षेत्र विशेष में नरेन्द्र मोदी या सचिन तेंदुलकर से भी ज्यादा सुर्खियाँ बटोर लेते हैं। परन्तु क्या हम अगले दिन के अखबार के उस कोने को भी उतने ही ध्यान से पढ़ते हैं जब एक छात्र की आत्महत्या का समाचार छपता है? उसके अन्तिम संदेश में वह "थ्री इडियट्स" के अंदाज़ में "आय क्विट " अर्थात " मैं हार मानता हूँ ", लिखकर इस शिक्षा व्यवस्था के सामने एक प्रश्न च...
From an amateur writer's pen into a civil servant's diary.
- Garima Agrawal
Indian Administrative Service (IAS), 2019